ट्रॉमा (गंभीर चोट) का इलाज: क्यों हर सेकंड कीमती होता है
MEDAZ Hospital, Patna – बिहार का भरोसेमंद न्यूरो और ट्रॉमा सेंटर
सड़क हादसा, ऊँचाई से गिरना, ज़हरीली चीज़ का असर, जल जाना, या अचानक आई कोई और बड़ी चोट — इन सबको ट्रॉमा कहा जाता है।
ऐसी हालत में हर सेकंड बहुत अहम होता है। अगर सही इलाज में देर हो जाए, तो जान भी जा सकती है या ज़िंदगी भर की अपाहिज़ता भी हो सकती है।
MEDAZ Hospital, Patna में हम तैयार रहते हैं हर तरह के ट्रॉमा केस के लिए — ताकि आपकी और आपके अपने की ज़िंदगी बचाई जा सके।
ट्रॉमा क्या होता है?
ट्रॉमा यानी ऐसी कोई भी गंभीर चोट या असर जो शरीर के किसी भी हिस्से को अचानक नुकसान पहुँचाए, जैसे:
- सिर या दिमाग़ पर चोट (हेड इंजरी)
- रीढ़ की हड्डी पर चोट
- हड्डी टूटना या मसल जाना
- सीने या पेट में गहरी चोट
- जली हुई या कट–फटी हालत
- एक साथ कई अंगों में चोट (पॉलीट्रॉमा)
गोल्डन ऑवर: पहला घंटा सबसे जरूरी क्यों?
Golden Hour यानी हादसे के बाद का पहला 60 मिनट।
अगर इस समय में मरीज़ को सही इलाज मिल जाए, तो मौत का ख़तरा 80% तक कम हो जाता है।
देरी से क्या हो सकता है?
- ज़्यादा खून बहना
- ब्रेन डैमेज
- शरीर में ऑक्सीजन की कमी
- हॉस्पिटल में लंबा इलाज और खर्च
- जान का नुक़सान
MEDAZ Hospital की इमरजेंसी टीम हर वक़्त तैयार रहती है — इसी गोल्डन ऑवर में इलाज शुरू करने के लिए।
MEDAZ Hospital में ट्रॉमा के इलाज की सुविधाएँ
- 24×7 इमरजेंसी और कैज़ुअल्टी सेवा
- आधुनिक ट्रॉमा ICU
- CT स्कैन , X-Ray की सुविधा दिन–रात
- हर समय उपलब्ध ट्रॉमा ,ऑर्थो, न्यूरो और जनरल सर्जरी टीम
- एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS) एंबुलेंस
- ब्लड बैंक और एडवांस लैब साथ में
- डिजिटल रिपोर्टिंग और तुरंत इलाज
मल्टीस्पेशलिस्ट टीम क्यों ज़रूरी है?
ट्रॉमा में अक्सर मरीज़ को एक से ज़्यादा अंगों में चोट आती है। इसलिए ज़रूरत होती है कि एक साथ कई डॉक्टर मिलकर इलाज करें:
- न्यूरोसर्जन – सिर या रीढ़ की हड्डी की चोट के लिए
- ट्रॉमा सर्जन
- ऑर्थो सर्जन – हड्डी टूटने या मसलने के लिए
- जनरल सर्जन – पेट, सीना या ब्लीडिंग रोकने के लिए
- आईसीयू टीम – मरीज की जान बचाने के लिए
- फिजियोथेरेपिस्ट – इलाज के बाद चलने–फिरने में मदद के लिए
MEDAZ में यह पूरी टीम मौजूद रहती है — हर पल तैयार।
बिहार और पटना में ट्रॉमा के सामान्य कारण
- सड़क दुर्घटनाएँ
- मोटरसाइकिल या स्कूटर का एक्सीडेंट
- ऊँचाई से गिरना (खासकर मजदूरी या कंस्ट्रक्शन साइट पर)
- घरेलू हिंसा या झगड़े में चोट
- आग लगने या करंट लगने के केस
- खेतों या मशीनों से हुए हादसे
ट्रॉमा से कैसे बचाव करें?
हर ट्रॉमा को रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर बचाव ज़रूर किया जा सकता है:
- हमेशा हेलमेट और सीट बेल्ट पहनें
- तेज़ रफ्तार और मोबाइल इस्तेमाल से बचें
- काम की जगह पर सेफ़्टी गियर पहनें
- सीढ़ियाँ या छत सुरक्षित रखें
- घर में फर्स्ट एड किट रखें
- बच्चों और बुज़ुर्गों को देखभाल के बिना न छोड़ें
अकसर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्र.1: ट्रॉमा केस में सबसे पहले क्या करें?
अगर किसी को गंभीर चोट लगे, तो सबसे पहले एम्बुलेंस को कॉल करें। मरीज को हिलाएँ नहीं, और खून बह रहा हो तो साफ़ कपड़े से दबाएँ।
प्र.2: क्या MEDAZ Hospital में हर तरह की ट्रॉमा सुविधा है?
हाँ। MEDAZ एक मल्टीस्पेशलिस्ट ट्रॉमा सेंटर है जहाँ न्यूरो, ऑर्थो, सर्जरी और ICU की पूरी टीम 24×7 मौजूद है।
प्र.3: गोल्डन ऑवर का क्या मतलब है?
यह हादसे के बाद का पहला घंटा होता है। इसी समय इलाज शुरू हो जाए तो जान बचाना सबसे आसान होता है।
प्र.4: क्या पटना शहर में MEDAZ की एम्बुलेंस सेवा मिलती है?
हाँ। MEDAZ की एम्बुलेंस सेवा पूरे पटना में उपलब्ध है — और वो भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ।
प्र.5: क्या इलाज महँगा होता है?
इलाज की लागत चोट की गंभीरता पर निर्भर करती है, लेकिन हम बीमा की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं।
प्र.6: इलाज के बाद की देखभाल होती है?
हाँ। हमारे पास फिजियोथेरेपी, मानसिक परामर्श, डाइट प्लान और फॉलो–अप सेवा भी है।
आख़िरी बात
ट्रॉमा से जुड़ी हर हालत में समय सबसे बड़ा इलाज है।
MEDAZ Hospital, Patna इस सोच पर काम करता है कि एक पल की देरी — ज़िंदगी की लड़ाई को हार में बदल सकती है।
हमारी टीम, मशीनें और प्रबंधन सब कुछ इसी मक़सद से तैयार रहते हैं — ताकि हर जान बचाई जा सके।
𝐄𝐧𝐪𝐮𝐢𝐫𝐲 & 𝐀𝐩𝐩𝐨𝐢𝐧𝐭𝐦𝐞𝐧𝐭 : 𝟎𝟗𝟏𝟏𝟕𝟔 𝟎𝟎𝟔𝟎𝟎
𝐄𝐦𝐞𝐫𝐠𝐞𝐧𝐜𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐀𝐦𝐛𝐮𝐥𝐚𝐧𝐜𝐞: 𝟎𝟗𝟏𝟏𝟕𝟓𝟎𝟎 𝟓𝟎𝟎
𝐰𝐞𝐛𝐬𝐢𝐭𝐞 –https://medazhospital.com/best-neurosurgery-hospital-in-bihar/
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